आचार्य रामचन्द्र शुक्ल साहित्य शोध संस्थान

१९७२ से साहित्य एवं मंच कला की सेवा में सक्रिय

संक्षिप्त परिचय

आचार्य रामचंद्र शुक्ल साहित्य शोध संस्थान की स्थापना सन् १९७२ में हिंदी साहित्य के मूर्धन्य आलोचक तथा साहित्यकार आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (१८८४ – १९४१) की स्मृति में हुई थी। शुक्ल संस्थान अपने स्थापना-वर्ष से ही हिंदी साहित्य एवं अन्य भाषाओँ के साहित्य संवर्धन और शोध कार्यों में अनवरत संलग्न है। तदनुसार आचार्य शुक्ल संस्थान भवन में अपने उद्देश्यों के अनुरूप साहित्यिक एवं अन्य बौद्धिक सम्मेलन हेतु ५०० व्यक्तियों की क्षमता वाले सभागार एवं अनुसंधान के लिग १० हज़ार ग्रन्थों के पुस्तकालय की व्यवस्था है। 

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विविध आयोजन

नामविवरणदिनांकलिंक
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस के अवसर पर आचार्य शुक्ल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं गोपाल सिंह नेपाली की कविता 'हिंदी है भारत की बोली' का पाठ किया गया। 14 Sep, 2024My Link
आचार्य रामचंद्र शुक्ल जयंती हिंदी के मूर्धन्य समालोचक आचार्य रामचंद्र शुक्ल के जन्मदिवस पर संगोष्ठी का आयोजन एवं 'इक्कीसवीं सदी में आचार्य शुक्ल' पुस्तक का लोकार्पण। 4 Oct, 2024My Link

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